पायलट से मिलने उनके घर पहुंचे 8 विधायक, मोइली-सिब्बल बोलें- कांग्रेस को सर्जरी की जरूरत

पायलट से मिलने उनके घर पहुंचे 8 विधायक, मोइली-सिब्बल बोलें- कांग्रेस को सर्जरी की जरूरत

राजस्थान में फिर से सियासी संकट की आहट सुनाई दे रही है। आज गुरुवार को सचिन पायलट खेमे के 8 विधायकों ने उन घर पर पहुंचकर मुलाकात किया। मुलाकात के बाद कई विधायकों ने कहा कि हम लोग पायलट के साथ मजबूती से खड़े हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस में हैं और कांग्रेस में रहकर ही आवाज उठाएंगे।

विधायकों ने कहा, “आलाकमान ने जो वादे किए, उन्हें पूरा करना चाहिए। पायलट ने पार्टी के लिए संघर्ष किया है, उन्हें सुना जाना चाहिए।” पायलट के घर जाकर जिन विधायकों ने मुलाकात की उसमें विश्वेंद्र सिंह, वेदप्रकाश सोलंकी, पी.आर. मीणा, मुकेश भाकर, गुरुदीप सिंह साहपीनी, राकेश पारीक, जी.आर. खटाना और रामनिवास गावड़िया के नाम शामिल हैं।

मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया ने पायलट से मुलाकात के बाद कहा कि कल होने वाले प्रदर्शन को लेकर चर्चा हुई है। स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा में कार्यक्रम करेंगे। हम लोग अपने जिले और ब्लॉक में रहकर श्रद्धांजलि देंगे। उन्होंने कहा कि हम लोग पायलट के साथ मजबूती से खड़े हैं।

पायलट से मिलने उनके घर पहुंचे 8 विधायक, मोइली-सिब्बल बोलें- कांग्रेस को सर्जरी की जरूरत

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पायलट समर्थक विधायकों ने कहा कि आलाकमान को कार्यकर्ताओं से जुड़े मसलों को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नियुक्तियों में हो रही देरी से कार्यकर्ता हताश हो रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह ने भी सोच समझ कर बात कही होगी।

उन्होंने कहा कि पांच साल संघर्ष करने वाले नेताओं-कार्यकर्ताओं की आवाज को भंवर जितेंद्र सिंह ने बुलंद किया है। जिन लोगों का पार्टी के लिए योगदान है उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। आलाकमान ने जो वादे किए उन्हें पूरा करना चाहिए। 10 महीने बीत चुके हैं।

विधायकों ने ये भी कहा, “जिस तरह से सिद्धू की बात सुनी गई है। उसी तरह पायलट की बात भी सुनी जानी चाहिए थी। हमारा संघर्ष जारी है और करते रहेंगे।” वहीं, विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी यही बातें दोहराते हुए कहा कि अभी आलाकमान से मिलने का वक्त नहीं मांगा गया है। उन्होंने कहा कि हम जिस तरह रोज भगवान के मंदिर जाते हैं। उसी तरह से हम रोज गहलोत के यहां गुहार लगाते हैं। देखते हैं हमारी बात कब सुनी जाती है।

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दूसरी तरफ जितिन प्रसाद के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के भीतर सर्जरी की वकालत की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने जितिन प्रसाद को संदिग्ध नेता बताते हुए कहा, ”ज्यादा नेता नहीं, सिर्फ जितिन प्रसाद ही छोड़कर गए हैं। वह हमेशा से संदिग्ध थे। वह धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं। वह जातिवादी थे और यूपी में जातिवादी राजनीति को कायम रखना चाहते थे। उन्हें कई पद दिए गए थे। पार्टी की विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध लोगों को जिम्मेदारी दी जाए।”

उन्होंने आगे कहा, ”कांग्रेस को बड़ी सर्जरी करने की जरूरत है। क्षमता और जनाधार वाले लोगों को विभिन्न राज्यों का प्रभार दिया जाना चाहिए।” वहीं, कपिल सिब्बल ने कहा, “मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता है कि पार्टी नेतृत्व ने क्या किया और क्या नहीं। अब हम भारतीय राजनीति में उस स्तर पर पहुंच गए हैं, जहां इस तरह के फैसले विचारधारा पर नहीं लिए जाते हैं। पहले राजनीति में होता था कि आया राम गया राम। ऐसा हमने बंगाल में देखा, जब लोगों को लगा कि राज्य में भाजपा जीतेगी तो ज्यादा से ज्यादा लोगों ने भाजपा ज्वाइन की।”

उन्होंने इसके बाद कहा, “अब लोग विचारधारा पर नहीं बल्कि व्यक्तिगत लाभ के लिए चुनाव में उतरते हैं और लड़ते हैं। ऐसा हमने मध्यप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में देखा है।” कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस पार्टी के मंच से आप रोज भाजपा को गाली देते थे, सांप्रदायिक और देशविरोधी बताते थे। आज आप वही पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं। राजनीति में जब तक विचारधारा के आधार पर आगे नहीं चलेंगे तो ऐसा लगेगा कि ये प्रसाद पॉलिटिक्स है। हालांकि, जब सिब्बल से जितिन प्रसाद की तरह पार्टी छोड़ने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले को मेरे मृत शरीर से होकर गुजरना होगा।


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