भड़काऊ नारेबाजी मामले में BJP नेता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 गिरफ्तार

भड़काऊ नारेबाजी मामले में BJP नेता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 गिरफ्तार

दिल्ली के जंतर-मंतर के पास रविवार को भड़काऊ नारेबाजी मामले में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि सभी को मंगलवार सुबह पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया।

दिल्ली पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, जिन छह लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें अश्विनी उपाध्याय के अलावा विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह, दीपक का नाम शामिल है। सोमवार को दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज की थी।

आरोपियों ने ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन की वर्षगांठ पर रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले नारे लगाए थे।

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प्रदर्शनकारियों ने ‘हिन्दुस्तान में रहना होगा, जय श्रीराम कहना होगा’ और ‘जब मुल्ले काटे जाएंगे, राम-राम चिलाएंगे’ जैसे नारे लगाए थे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने अब इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

भारत जोड़ो आंदोलन की मीडिया प्रभारी शिप्रा श्रीवास्तव ने बताया कि वकील और पूर्व भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ था। हालांकि, मुसलमान विरोधी नारेबाजी करने वालों से अश्विनी उपाध्याय का संबंध होने से उन्होंने इनकार किया।

शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रदर्शन अंग्रेजी कानूनों के खिलाफ किया गया था और इस दौरान 222 ब्रिटिश कानूनों को खत्म करने की मांग की गई। हमने वीडियो देखा है, लेकिन कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन थे। पुलिस को नारा लगाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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दूसरी तरफ, अश्विनी उपाध्याय ने भी मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की घटना में संलिप्तता से इनकार किया। उन्होंने कहा, “मैंने वायरल हो रहे वीडियो की जांच के लिए दिल्ली पुलिस को एक शिकायत दी है। अगर वीडियो प्रमाणिक है तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”

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उन्होंने आगे कहा, “मुझे कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन हैं। मैंने उन्हें पहले कभी नहीं देखा, कभी उनसे मिला नहीं हूं और न ही उन्हें वहां बुलाया था। जब तक मैं वहां था, वे वहां नहीं दिखे। अगर वीडियो फर्जी है, तो भारत जोड़ो आंदोलन को बदनाम करने के लिए झूठा प्रचार किया जा रहा है।”

वहीं, नई दिल्ली डीसीपी दीपक यादव ने सोमवार को कहा था कि हमें एक वीडियो प्राप्त हुआ है और हम इसकी जांच कर रहे हैं। कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है। वहां जमा हुए लोगों के पास इसकी अनुमति नहीं थी। हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ लोगों ने भड़काऊ और आपत्तिजनक नारे लगाए थे।


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