एक साल में 5 मामले और सभी में एक ही गवाह, सवालों के घेरे में NCB की भूमिका

एक साल में 5 मामले और सभी में एक ही गवाह, सवालों के घेरे में NCB की भूमिका

शाहरुख खान के बेटे आर्यन की क्रूज शिप पर गिरफ्तारी के बाद एनसीबी पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। एक तरफ एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक समीर वानखेड़े को कटघरे में खड़े कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ एजेंसी की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गया है। कई मामलों में NCB ने गवाहों को रिपीट किया है। इस पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रूज केस में एनसीबी ने जिन 10 गवाहों को पेश किया था उनमें से एक आदिल फजल उस्मानी ऐसा है जिसका इस्तेमाल एजेंसी पांच मामलों में कर चुकी है। इसके अलावा किरण गोसावी को लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं।

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गोसावी भी जांच के दायरे में है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा मनीष भानुशाली के लिंक भाजपा के साथ मिले हैं। एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर एक गवाह प्रभाकर सैल ने ब्लैंक पेपर पर साइन करवाने का आरोप लगाया है।

हालांकि, एनसीबी अधिकारियों का कहना है कि ड्रग्स के मामले में रेड के दौरान इस तरह से गवाहों का चयन करना और उनसी सच उगलवाना मुश्किल काम है। कोर्ट ने इनके मामले में कहा है कि ये सभी पुलिस की हिरासत में हैं और इन्हें स्वतंत्र गवाह नहीं माना जा सकता।

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क्रूज केस में उस्मानी, गोसावी, भानुशाली और प्रभाकर के अलावा एनसीबी ने ऑब्रे गोमेज, वी. वैगंकर, अपर्णा राणे, प्रकाश बहादुर, शोएब फैज और मुजाम्मिल इब्राहिम को गवाह बनाया था। इनमें से कुछ सेक्योरिटी स्टाफ हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबि, उसके पास उपलब्ध डेटा उपलब्ध है जिससे पता चलता है कि उस्मानी जोगेश्वरी का रहने वाला है। इसे गांजा, ड्रग्स से जुड़े पांच अन्य मामलों में गवाह बनाया गया है। इन सभी मामलों के पंचनामे में उस्मानी के यही अड्रेस लिखा है।

हालांकि, जब उस्मानी को उस पते पर ढूंढा गया तो वह नहीं मिला। वहीं, नवाब मलिक ने भी आरोप लगाया है कि एनसीबी ने झूठा केस बनाने के लिए उसके पास से 60 ग्राम ड्रग्स बरामद की। सेशन कोर्ट के पास उस्मानी का कोई पुराना आपराधिक रेकॉर्ड नहीं है।


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