सेहत से जुड़े 15 हेल्थ मिथ्स जिनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं, आप भी जानें

सेहत से जुड़े 15 हेल्थ मिथ्स जिनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं, आप भी जानें

खुद को स्वस्थ रखना बहुत ही जरूरी है। लेकिन कई बार हम खुद को स्वस्थ रखने में चूक जाते हैं। क्योंकि कई बातें हैं हेल्थ और फिटनेस से जुड़ी हुई जो केवल मिथ हैं। लेकिन हम उसे सच मानकर चलते आ रहे हैं, जबकि उनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं।

नतीजा ये होता है कि हम उन्हीं भ्रम को आपने जीवन में उतार लेते हैं। और बाकियों को भी अज्ञानतावश उसी भ्रम में डाल देते हैं। इसलिए आज हम आपके लिए ऐसे ही कॉमन हेल्थ मिथ्स की बात करेंगे जिसे हम सच समझते हैं लेकिन असल में वो सच नहीं होता।

मीठा खाना और डायबिटीज

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यह बहुत बड़ी मिथ है कि डायबिटीज़ ज्यादा मीठा खाने से होती है। दरअसल यह पैंक्रियाज़ द्वारा पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन न बना पाने के कारण होती है। हां, अगर आप बहुत अधिक मीठा खाते हैं, तो उससे वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है और वजन बढ़ने के कारण टाइप 2 डायबिटीज़ का रिस्क हो जाता है। लेकिन मीठा खाने और डायबिटीज में सीधेतौर पर कोई कनेक्शन नहीं है।

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पानी और हेल्थ

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जैसे हम सब एक जैसे नहीं वैसे ही हम सबकी बॉडी भी अलग होती है और उसी के अनुसार हर शरीर की ज़रूरत भी अलग-अलग होती है। मान लिया जाएं कि मुझे रोजाना 6 ग्लास पानी ही पर्याप्त है। तो जरूरी नहीं कि आपके शरीर को भी 6 गिलास पानी की जरूरत हो। हो सकता है आपको 8 या फिर 10 गिलास भी कि कम पड़ें।

लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि पानी पीते ही रहे। क्योंकि बता दें बहुत अधिक पानी पीने से शरीर के फ्लूइड पतले हो जाते हैं, जो शरीर में सोडियम के स्तर को इस हद तक कम कर सकते हैं, जिससे जान को ख़तरा भी हो सकता है।

बॉडी और उपवास

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यह धारणा बिल्कुल गलत है। क्योंकि शरीर के पास खुद को क्लीन करने की अपनी नेचुरल प्रक्रिया होती है। शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने के लिए लिवर, किडनी और स्प्लीन नियमित रूप से काम करते हैं। अब तक ऐसा कोई तथ्य नहीं पाया गया कि न खाने से या स़िर्फ पानी या फिर जूस पीकर कुछ दिन रहने से इन अंगों का काम बेहतर होता है। इसलिए हेल्दी खाएं और अनहेल्दी चीजों को खाने से बचें। तब ही शरीर में टॉक्सिन्स नहीं होंगे।

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अनहेल्दी फूड और मोटापा

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ये मालूम होना चाहिए कि सभी फैट्स ख़राब या अनहेल्दी नहीं होते। सबसे पहले जानना चाहिए कि फैट्स कितने तरह के होते हैं। बता दूं फैट्स दो तरह के होते हैं। एक होता है गुड फैट्स और दूसरा बैड फैट्स। अब गुड फैट्स जो होता है वो शरीर के लिए बेहद आवश्यक होते हैं और शरीर को फिट रखते हैं।

बैड फैट्स शरीर को कमजोर करता है और शरीर को कई बीमारियों से घेर देता है। फैट्स शरीर के लिए बहुत ज़रूरी होता है और जहां तक मोटापे की बात है, तो स़िर्फ फैटी फूड खाने से मोटापा नहीं बढ़ता, बल्कि बॉडी में एनर्जी के असंतुलित होने से मोटापा बढ़ता है।

अगर आप अधिक कैलोरीज़ लेते हो और ख़र्च उससे कम करते हो, तो उससे मोटापा यो बढ़ेगा ही। इसलिए पतले होने के लिए फैट्स को पूरी तरह से अपने डायट से हटा देना बिल्कुल भी हेल्दी नहीं है।

दोमुंहे बाल और शैंपू

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लोगों को लगता है फलना शैम्पू से दोमुंहे बाल नहीं आएंगे। पर ऐसा नहीं है कोई भी शैंपू यह चमत्कार नहीं कर सकता। यह सिर्फ आपके हेल्दी डायट, जैसे- बादाम, फिश, नट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स आदि से ही बालों को हेल्दी रख सकते हैं। और नियमित रूप से बालों को ट्रिम करवाते रहें।

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कैंसर और एंटीपर्सपरेंट-डियोडरेंट

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अक्सर सुनने को मिलता हैं कि अगर आप अंडरआर्म्स में डियोडरेंट लगाते हैं, तो बॉडी उसे सोख लेती है और फिर ब्रेस्ट टिश्यू उसे सोख लेत है जिससे कैंसर सेल्स पैदा हो जाते हैं लेकिन अब तक इस तरह के बातों का कोई प्रमाण नहीं मिला।

सेहत और मल्टीविटामिन

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भाग-दौड़ की जिंदगी में हम खुद पर ध्यान नहीं रख पाते फिर ख्याल आता है कि जो पोषण हमें भोजन से नहीं मिल रहा उसे मल्टीविटामिन लेकर पूरा कर सकते हैं। और फिर हम अपने डेली रूटीन में शामिल कर देते हैं। जबकि शोधकर्ता ऐसा नहीं मानते।

हां, अगर आपके डॉक्टर कहते हैं तब ज़रूर उनकी सलाह मानें। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए जो भी सलाह डॉक्टर्स देते हैं, उन्हें मानना ज़रूरी है, लेकिन एक सामान्य व्यक्ति को हेल्दी रहने के लिए रोज़ना फल और हरी सब्ज़ियां लेनी चाहिए इसके अलावा नट्स, ग्रेन्स और ज़रूरी आयल्स अपने खाने में शामिल करना चाहिए।

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शुगर और चिल्ड्रेन

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यह धारणा भी बिल्कुल ही ग़लत है। क्योंकि शोध में इस थ्योरी को पूरी तरह से ग़लत साबित कर दिया है। इसलिए जब भी बच्चे चॉकलेट खाना चाहे दे दें। हां, अधिक मीठा खाने से वजन ज़रूर बढ़ जाता है और दांतों की भी समस्या हो जाती है। इसलिए बहुत अधिक न दें। और दें तो रात में सोते वक्त ब्रश जरूर करवाएं।

एग योक यानी अंडे और हार्ट

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ये सच है कि अंडे के पीले भाग में बहुत अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है। लेकिन यह हेल्दी होता है और शरीर को कोलेस्ट्रोल की भी ज़रूरत होती है। हार्ट के सबसे बड़े दुश्मन हैं- सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स। अंडे में कोई ट्रांस फैट्स नहीं होता और सैचुरेटेड फैट्स भी बेहद कम होता है। हां, अगर आपको हार्ट डिसीज़ है, तो थोड़ी सतर्कता ज़रूर बरतें।

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हेल्थ और माइक्रोवेव

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अक्सर लोग यह मानते हैं,माइक्रोवेव में पका खाना ख़तरनाक और अनहेल्दी होता है। बता दूं कि खाना पकने की प्रक्रिया दरसअल खाने में जो हीट पैदा होती है उससे ही पूरी होती है। इसलिए माइक्रोवेव कुकिंग किसी भी दूसरी कुकिंग से अलग नहीं होती। माइक्रोवेव्स में जिन रेज़ वेव्स का प्रयोग होता है, वो बहुत ही माइल्ड और हल्की होती हैं, जिनसे कोई नुकसान नहीं होता। यह पूरी तरह से सेफ होता है।

नाइट कैलोरीज और मोटापा

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भाई कैलोरीज तो कैलोरीज होती हैं। अब चाहे उन्हें रात में लो या फिर दिन में। क्या फर्क पड़ता है। फर्क़ सिर्फ इससे पड़ता है कि आप कुल मिलाकर रोज़ कितनी कैलोरीज लेते और उसके मुकाबले कितना ख़र्च करते हो।

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टॉयलेट और बीमारी

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ये भ्रम है कि टॉयलेट सीट को ही साफ रखने से हम स्वस्थ रह सकते हैं। टॉयलेट सीट के अलावा बाथरूम के दरवाज़े, दरवाज़ों के हैंडल्स और फर्श भी आपको बीमार कर सकता है, क्योंकि ई कोली, फ्लू व पेट का फ्लू देनेवाले वायरस व बैक्टीरियाज वहीं पनपते हैं। इसलिए बेहतर टॉयलेट सीट के साथ ही दरवाजों और हैंडल्स को भी साफ रखें।

हड्डियां और आर्थराइटिस

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हड्डियां कटकने की आवाज़ से आर्थराइटिस होता है ये पूरी तरह से गलत है ऐसा कहीं नहीं पाया गया। अक्सर लोग सोचते हैं कि जब दो हड्डियां आपस में रगड़ खाती हैं, तब यह आवाज़ करती है। लेकिन यह आवाज़ हड्डियों के बीच गैस बबल्स बनने से होती है। हां, अगर अक्सर आपको हड्डियों में या फिर जोड़ों में दर्द रहता है, तो जरूर डॉक्टर से सलाह लें। लेकिन मन में किसी भी तरह की ग़लतफहमी न आने दें।

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चॉकलेट और तला भोजन खाना

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हमें घर पर अक्सर कहा जाता था कि ज्यादा तला भुना खाओगी तो मुंहासे निकाल जाएंगे और जल्दी ठीक भी नहीं होंगे। लेकिन इस बात पर बिल्कुल भी कोई सच्चाई नहीं है। मुंहासे तब होते हैं जब त्वचा के ऑयल ग्लैंड्स अत्यधिक सीबम प्रोड्यूस करते हैं। इसी सीबम की वजह से त्वचा में नमी आ जाती है। और जब यह सीबम बहुत ज्यादा निकलने लगता है और डेड स्किन त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर देती है जिससे मुंहासे हो जाते हैं। इसके अलावा बहुत ज्यादा तनाव लेने और कुछ आनुवांशिक कारणों से भी मुंहासे होते हैं। लेकिन तेल मसाला खाने पर मुंहासे होते हैं यह बिल्कुल गलत है।

फैटी फूड और मोटापा

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केवल फैटी फूड खाने से ही मोटापा नहीं बढ़ता, बल्कि बॉडी में एनर्जी के असंतुलित होने से भी मोटापा बढ़ता है। शरीर के लिए जितना कैलोरीज़ आप लेते हैं उसे उतना ही ख़र्च करना भी जरूरी होता। हां अगर आप ज्यादातर। फैटी फूड ही खाते हैं तो आपका पाचन शक्ति धीरे धीरे खराब होने लगता है और शरीर सुस्त होने लगता है।

ऐसे में शरीर का मोटापा बढ़ता है, इसलिए फैटी फूड खाएं लेकिन ज्यादा से ज्यादा हरी साग- सब्जी, दूध, फल को खाने में शामिल करें। और कोशिश करें कैलोरीज़ ज़रूरत के मुताबिक लें और उन्हें ख़र्च भी करें।

तो ये थी कुछ गलतफहमियां जिसे आपको अपने दिलोदिमाग से निकाल फेंकना है। और खुद को हेल्दी रखना है।


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