फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने को लेकर अब भाजपा नेताओं के बीच आपस में ही तलवार खींच गई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आयशा सुल्ताना पर केस दर्ज कराए जाने के खिलाफ लक्षद्वीप के 15 बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा पार्टी को सौंप दिया है।
15 Lakshadweep BJP leaders and workers resigned over sedition FIR against filmmaker Aisha Sultana.
— ANI (@ANI) June 12, 2021
You've filed a false & unjustified complaint against Chetlath sister. We convey our strong objection and submit our resignations: State secy Abdul Hameed Mullipuzha
भाजपा के राज्य सचिव अब्दुल हामिद ने बताया, “आपने चेतलाथ की बहन के खिलाफ झूठी और अनुचित शिकायत दर्ज की है। हम इसपर कड़ी आपत्ति जताते हैं और अपना अपना इस्तीफा देते हैं।” खबरों के अनुसार, भाजपा के 12 नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने हस्ताक्षर वाला एक पत्र भाजपा लक्षद्वीप इकाई के अध्यक्ष अब्दुल खादर को भेजा गया है।
उनकी तरफ से पत्र में लिखा गया है, “लक्षद्वीप में भाजपा इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि कैसे वर्तमान प्रशासक पटेल की हरकतें जनविरोधी, लोकतंत्र विरोधी हैं और लोग इससे खासे परेशान हैं।”
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आयशा सुल्ताना का समर्थन करते हुए भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं ने आगे लिखा है, “दूसरों की तरह आयशा ने भी मीडिया में अपनी राय साझा की। पुलिस में आपकी शिकायत के आधार पर आयशा सुल्ताना के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आपने चेतलाथ की बहन के खिलाफ झूठी और अनुचित शिकायत दर्ज की है, और उसके परिवार और उसके भविष्य को बर्बाद कर दिया है।”
दरअसल, भाजपा के अध्यक्ष अब्दुल खादर ने कवरत्ती पुलिस में आयशा सुल्ताना के खिलाफ मामला दर्ज कराई है और आरोप लगाया है कि उन्होंने मलयालम चैनल पर बहस के दौरान लक्षद्वीप में कोविड-19 प्रसार के बारे में झूठी खबर फैलाई, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र ने लक्षद्वीप में कोरोना के प्रसार के लिए ‘जैविक हथियारों’ का इस्तेमाल किया है।
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खादर की शिकायत पर पुलिस ने आयशा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) और 153 बी (अभद्र भाषा) के तहत मामला दर्ज किया है। दरअसल, आयशा ने टीवी डिबेट के दौरान कहा था कि लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल एक जैविक-हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल केंद्र सरकार द्वारा लक्षद्वीप के लोगों पर किया जा रहा है।
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