पेगासस पर आर-पार के मूड में विपक्ष, 14 दलों ने बैठक के बाद कहा- कोई समझौता नहीं

पेगासस पर आर-पार के मूड में विपक्ष, 14 दलों ने बैठक के बाद कहा- कोई समझौता नहीं

पेगासस जासूसी कांड को लेकर मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से संसद में लगातार हंगामा जारी है। किसी दिन भी कार्यवाही ठीक से नहीं चल पाई है। आज भी संदन का कार्रवाही जैसे शुरू हुई विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके छह मिनट के अंदर ही सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दरअसल, विपक्ष जासूसी मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है। पर मोदी सरकार टस-से-मस नहीं हो रही है। इसको लेकर कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दूसरी तरफ, आज मंगलवार सत्र की कार्यवाही से पहले 14 विपक्षी दलों ने एक बैठक की। इस बैठक में संसद के दोनों सदनों के विपक्षी दलों के नेत शामिल हुए।

कांग्रेस के अलावा बैठक में द्रमुक, राकांपा, एसएस, राजद, सपा, सीपीआईएम, भाकपा, एनसी, आप, आईयूएमएल, आरएसपी, केसीएम और वीसीके पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक में राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, शिवसेना के अरविंद सावंत, द्रमुक नेता टीआर बालू एवं कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, बसपा के रितेश पांडे, माकपा के ए.एम.आरिफ और एस. वेंकटेशन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर और आरएसपी के. एनके प्रेमचंद्रन शामिल रहे।

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विपक्ष दलों ने बैठक के बाद कहा कि पेगासस जासूसी कांड को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। सभी दलों ने कहा कि इस पर सरकार को जवाब देना ही होगा। बताया जा रहा है कि पेगासस जासूसी कांड को लेकर दलों की ओर से नोटिस दिया जाएगा, जिस पर राहुल गांधी का भी हस्ताक्षर होगा। अभी तक विपक्ष अलग-अलग मुद्दों पर बंटा हुआ था, लेकिन इस बैठक के बाद एक साथ पेगासस के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी है।

बैठक के बाद विपक्षी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया। राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “विपक्ष की आवाज को संसद में दबाया जा रहा है, हमारा सिर्फ यही सवाल है कि क्या देश की सरकार ने पेगासस को खरीदा या नहीं। क्या सरकार ने अपने लोगों पर पेगासस का इस्तेमाल किया है या नहीं। क्या केंद्र सरकार ने उसका इस्तेमाल अपने देश के लोगों के खिलाफ किया था कि नहीं? हम यह जानना चाहते हैं।”

उन्होंने संसद की कार्यवाही न चलने देने पर कहा, “हमारे बारे में कहा जा रहा है कि हम संसद की कार्यवाही में खलल डाल रहे हैं। हम सदन को परेशान नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ अपने कर्तव्यों को पूरा करना चाहते हैं। इस हथियार (पेगासस) का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया गया है।इस हथियार को आतंकवादियों के खिलाफ, देशद्रोहियों के खिलाफ प्रयोग किया जाना चाहिए। हम नरेंद्र मोदी से सवाल पूछना चाहते हैं कि इस हथियार का इस्तेमाल लोकतंत्र के खिलाफ क्यों किया गया?…. पेगासस पर चर्चा होने से पहले हम कहीं नहीं जाएंगे।”

पेगासस पर आर-पार के मूड में विपक्ष, 14 दलों ने बैठक के बाद कहा- कोई समझौता नहीं

राहुल गांधी ने कहा कि हम महंगाई, पेगासस और किसानों के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करना चाहते। हम सदन में चर्चा चाहते हैं। वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन चले और वहां पेगासस मामले पर चर्चा हो। पेगासस मामले की जांच कई देशों में हो रही हैं तो भाजपा इसकी जांच अपने देश में क्यों नहीं कर रही है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इसकी जांच करवानी चाहिए।

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उधर, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस से अपना घर संभल नहीं रहा। आज भी अधिकांश विपक्ष के लोग चाहते हैं कि संसद चले, वाद-विवाद और चर्चा होनी चाहिए, लेकिन कांग्रेस अपने नकारात्मक फैसलों को विपक्ष पर थोपकर विपक्ष की अन्य पार्टियों की सकारात्मक सोच को भी बंधक बनाना चाहती है।

जबकि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि विपक्ष ने सदन में चर्चा के लिए तीन विषय (कोविड, किसानों का आंदोलन, बढ़ती महंगाई) तय किए थे। पहले इन तीन विषयों को पूरा होने दीजिए। ये जनता के मुद्दे हैं। उल्लेखनीय है कि कृषि कानून को लेकर दिल्ली के जंतर-मंजर पर किसान अपना संसद चला रहे हैं।


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