त्रिपुरा में पिछले 5 दिनों में 12 मस्जिदों पर हमला, कई दुकान और मकान आग के हवाले

त्रिपुरा में पिछले 5 दिनों में 12 मस्जिदों पर हमला, कई दुकान और मकान आग के हवाले

उत्तर त्रिपुरा जिले में मंगलवार शाम को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के लोगों ने फिर से हमला किया और चमटिल्ला इलाके में एक मस्जिद समेत दो दुकानों को आग के हवाले कर दिया। विहिप ने बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के विरोध में इस रैली का आयोजन किया था।

जिले के पुलिस अधीक्षक भानुपाड़ा चक्रवर्ती ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि पास के रोवा बाजार में कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के तीन घरों और कुछ दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई।

एसपी ने कहा, “विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने हाल में बांग्लादेश में हुई हिंसा के विरोध में रैली निकाली। लोगों के एक समूह ने रैली के दौरान चमटिल्ला में पथराव किया और एक मस्जिद के दरवाजे को क्षतिग्रस्त कर दिया। सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में किया।”

ये भी पढ़ें: भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में सरेंडर करेंगे किरण गोसावी, बताया जान को खतरा

एक दूसरे पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक मामला इस संबंध में दर्ज किया गया है। विपक्षी माकपा ने घटना की निंदा की है। माकपा ने जारी एक बयान में दुकान मालिकों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान करने की मांग की। वहीं, भाजपा प्रवक्ता नबेंदू भट्टाचार्या का कहना है कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है लेकिन यदि ऐसा कुछ हुआ है तो पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।

ऐसा पहली बार नहीं है जब इस से तरह के हमले हुए हैं। त्रिपुरा में अलग-अलग जिलों में पिछले पांच दिनों में हिन्दुत्ववादी संगठनों द्वारा अल्पसंख्यकों की इबादतगाहों, मस्जिदों उनकी संपत्तियों और दुकानों को निशाना बनाने की खबरें आई हैं।

त्रिपुरा में पिछले 5 दिनों में 12 मस्जिदों पर हमला, कई दुकान और मकान आग के हवाले

सोशल मीडिया पर कई ऐसे मीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें देखा जा सकता है कि हिन्दुत्ववादी गिरोह के लोग अल्पसंख्यकों के खिलाफ नारे लगा रहे हैं और उनकी संपत्तियों पर हमले कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले को आधार बनाकर त्रिपुरा में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।

ये भी पढ़ें: अब नवाब मलिक ने गिराया लेटर बम, कहा- समीर वानखेड़े ने एक दलित का हक छीना

लोगों का आरोप है कि कई दिनों से हो रही इन घटनाओं पर पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इंडिया टुमॉरो वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 5 दिनों में पांच जिलों की 12 मस्जिदों में हमला किया गया और उनमें तोड़फोड़ की गई। मस्जिदों को नुकसान पहुंचाने के अलावा मस्जिदों में रखे धार्मिक पुस्तकों को भी आग के हवाले किया गया।

बीते शुक्रवार को भी कई मस्जिदों पर हमले हुए। वहीं, शनिवार को कई मस्जिदों में आग के हवाले किया गया। पाल बाजार की एक मस्जिद को शनिवार रात निशाना बनाया गया और धार्मिक पुस्तकों आग के हवाले कर दिया गया। उसी दिन कलमचेर्रा मार्केट के एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई। इसके अलावा कैलाशाहर थाना के शमीम अहमद की बेकरी शॉप को निशाना बनाया गया।

पिछले रविवार यानी 17 अक्तूबर को भी विश्व हिंदू परिषद के लोगों के लोगों के हमले जारी रहे। उन दिन एक मुस्लिम व्यापारी अब्दुल मन्नान के घर पर हमले की कोशिश की गई। ईद मिलादुन्नबी के मौके पर कई जगहों पर माहौल खराब करने की कोशिश की गई।

ये भी पढ़ें: सूडान की सेना ने अंतरिम सरकार का किया तख्तापलट, PM समेत दूसरे नेता गिरफ्तार

स्थानीय खबरों के मुताबिक, घटना के सम्बंध में त्रिपुरा पुलिस विभाग को फोन करने पर किसी भी पुलिस अधिकारी द्वारा कॉल रिसीव नहीं हो रहा, अधिकतर नंबर पर संपर्क नहीं हो पा रहे हैं। इंडिया टुमॉरो ने लिखा है कि राजधानी अगरतला पुलिस कंट्रोल रूम से इस संबंध में बात करने की कोशिश की गई तो उनकी ओर से कोई भी सूचना देने से इंकार कर दिया गया।

पुलिस कंट्रोल रूम के एक अधिकारी ने कहा, “ऐसी इन्फोर्मेशन हम लोग फोन पर नहीं दे सकते। दिल्ली कंट्रोल रूम से बात करिए, हम लोगों को इस प्रकार की सूचना देने का अधिकार नहीं है।”

जब उसे पूछा गया कि त्रिपुरा का केस है तो जानकारी क्यों नहीं दे सकते? इसके जवाब में अगरतला कंट्रोल रूम के एक अधिकारी ने कहा, “इस प्रकार की सूचना हम लोग दिल्ली एमएचए में दे देते हैं। आप को या मीडिया को हम लोग कोई सूचना नहीं दे सकते। हम लोगों को प्रेस वालों से बात करने की परमिशन नहीं है।” इतना कहकर फोन कट कर दिया गया।

ये भी पढ़ें: सोनिया गांधी का कांग्रेस नेताओं को आदेश, कहा- BJP और RSS के झूठ को बेनकाब करो

अल्पसंख्यकों पर हमले के संबंध में नॉर्थ त्रिपुरा के धर्मानगर विधानसभा के पूर्व विधायक और सीपीआईएम नेता अमिताभ दत्ता ने कहा, “इस प्रकार की घटना की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है और दुनिया में कहीं भी अल्पसंख्यकों पर हमला निंदनीय है।”

सीपीआईएम नेता और नॉर्थ त्रिपुरा के कदमताला-कुर्ती विधानसभा के विधायक इस्लामुद्दीन ने बताया, “कई मस्जिदों पर हमले हुए हैं, माहौल शांतिपूर्ण नहीं है। पुलिस ने अभी तक दंगाइयों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। प्रभावित जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को पार्टी की तरफ से घटना के सम्बंध में ज्ञापन दिया गया है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हम लोग मुख्यमंत्री से मिलने का विचार कर रहे हैं।”

त्रिपुरा रॉयल परिवार से सम्बंध रखने वाले कलाकार और स्पोर्ट्समैन प्रद्योत मानिक्या ने घटना के संबंध में एक ट्वीट की और लोगों से शांति की अपील की है। बता दें कि शुक्रवार को मानवाधिकार संगठन एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) और छात्र संगठन (SIO) ने उनाकोटी जिला डीएम और एसपी से मुलाकात की थी और घटना के संबध में ज्ञापन सौंपा था।

ये भी पढ़ें: शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी पर NCB ने लगाए गंभीर आरोप

शुक्रवार को मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के ऑफिस को भी त्रिपुरा राज्य जमीयत उलमा (हिंद) की ओर से एक ज्ञापन सौंपा गया था। ज्ञापन में पिछले तीन दिनों में मस्जिदों और अल्पसंख्यक बस्तियों पर हुए हमलों की जानकारी दी गई।

इसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने मीडिया को बताया था कि कुछ छिटपुट घटानाएं हुई थीं, लेकिन कानून-व्यवस्था की कोई बड़ी घटना नहीं हुई थी। अगरतला के पास एक मस्जिद में तोड़फोड़ की पुष्टि करते हुए एक अधिकारी ने कहा, “हम लगभग 150 मस्जिदों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि वे घटनाओं की जांच कर रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज को भी जांचा जा रहा है। उनाकोटी के एसपी रति रंजन देबनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि वे उत्तरी त्रिपुरा जिले में एक मूर्ति के संबंध में एक घटना की जांच कर रहे थे। उन्‍होंने बताया कि यह मूर्ति उनाकोटी में एक पहाड़ी के ऊपर एक सुनसान जगह पर स्थित थी।

ये भी पढ़ें: आर्यन खान केस की सुनवाई कल फिर होगी, दोनों तरफ के वकीलों ने दी जोरदार दलील

एसपी देबनाथ ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई थी, यह कल्पना करना मुश्किल है कि कोई भी 45 मिनट से अधिक घने जंगलों के बीच चलकर ऐसा कुछ कर सकता है। यहां कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है।”

दूसरी तरफ, त्रिपुरा जमीयत उलमा (हिंद) के अध्यक्ष मुफ्ती तैयब रहमान ने डीजीपी और सीएम ऑफिस को सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि लोगों का एक वर्ग राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है। रहमान ने मीडिया को कहा था, “त्रिपुरा के हिंदू या मुस्लिम समुदायों में से किसी ने भी बांग्लादेश की घटनाओं का समर्थन नहीं किया। हमने बांग्लादेश वीजा ऑफिस में भी इसका विरोध किया है।”

वही, घटना के संबंध में बीजेपी प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ऐसी किसी भी घटना के खिलाफ है और इसके अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं ने शांति सुनिश्चित करने के लिए राज्य में सभी लोगों तक पहुंच बनाई है।

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश हिंसा के खिलाफ गोमती जिले के उदयपुर में 21 अक्टूबर को विश्‍व हिंदू परिषद और हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं की एक रैली के दौरान पुलिस के साथ झड़प हुई थी। इस दौरान तीन पुलिसकर्मियों समेत 15 से अधिक लोग घायल हुए थे। जब ये घटना हुई तब धारा-144 लगी हुई थी।


(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published.